स्मार्टफोन बाजार बहुत प्रतिस्पर्धी है। खास करके भारत में और बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा रहता है। हाल ही में एप्पल और सैमसंग ने Xiaomi के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जो अपने विज्ञापनों में एप्पल के iPhone और Samsung के मॉडल की तुलना कर उन्हें नीचे लिख रहे थे। यह खबर टॉप ब्रांड के बीच कंपटीशन और कंपैरिजन का विज्ञापनों की कानूनी सीमाओं पर सवाल खड़ी करती है। Refer: Google News, economictimes

विवाद की पृष्ठभूमि:

एक कॉल और सैमसंग श्यओमी को कानूनी नोटिस भेजा है।यह नोटिस Xiaomi के मार्च और अप्रैल 2025 के विज्ञापनों के जवाब में है। इसमें जीवनी ने अखिल के iPhone 16 Pro Max और Samsung के कुछ प्रीमियम मॉडल से Xiaomi 15 Ultra SmartPhone के साथ तुलना करके नीचे दिखाने की कोशिश की थी।

Xiaomi के विवादास्पद विज्ञापन

श्यओमी के विज्ञापनों ने सीधे तौर पर प्रतिस्पर्डी ब्रांड को टारगेट किया:

  • Apple के खिलाफ विज्ञापन: एक विज्ञापन में आईफोन 16 प्रो मैक्स के कैमरा को मजाक करके बताया गया और जिओ में के कैमरे को बेहतर ठहराया गया ।
  • अप्रैल फूल डे में भी एक विज्ञापन में iPhone 16 Pro Max को नीचे दिखाकर Xiaomi 15 Ultra को बेहतर लिखा गया था।
  • यही विज्ञापन एप्पल और सैमसंग को आपत्तिजनक लगे और उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय ले लिया।
  • सैमसंग के खिलाफ विज्ञापन: सैमसंग के इलेक्ट्रॉनिक आइटम एलइडी टीवी को टारगेट किया गया था और स्मार्टफोन को भी टारगेट किया गया था जिसमें Xiaomi ने दवा क्या है कि उनके QLED TV समान कीमत में भविष्य की तकनीक देते हैं। और जो सैमसंग पुराने तकनीक बेच रहा है।

तुलनात्मक विज्ञापनों का कानूनी पहलू:

तुलनात्मक विज्ञापनों को लेकर कानूनी ढांचा भारत में काफी स्पष्ट है। Trademark Act,1999: धारा 29(8),और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,2019: धारा 2(47) और ASCI दिशानिर्देश के अनुसार

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एप्पल और सैमसंग की आपत्ति:

ब्रांड इमेज को नुकसान पहुंचाते हैं। मिस लीडिंग करके और उपयोगकर्ताओं को गलत जानकारी देते हैं। और उनके ट्रेडमार्क और प्रोडक्ट डिजाइन का अनुचित उपयोग करते हैं।

Accoding to Apple और Samsung , iPhone को महंगा और पुराना कहकर यूजर्स को गुमराह करना Samsung का स्मार्टफोन से तुलना करना मार्केटिंग के नियमों के खिलाफ है।

भारत के स्मार्टफोन बाजार का संदर्भ:

भारत के प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्डी को यह विवाद दर्शाता है।

बाजार हिस्सेदारी में एप्पल और सैमसंग भारत को प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार में अधिक हिस्ट्री रखते हैं जबकि जब में की हिस्सेदारी बहुत कम है।

Total स्मार्टफोन बाजार से सैमसंग के,Xiaomi के और एप्पल के हिस्सेदारी में कंपटीशन है।

प्रीमियम सेगमेंट में ग्रोथ 2025 की पहली छमाही में एप्पल के शिपमेंट में ड्यूटी हुई और iPhone 16 भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल राहा।

आदि आंकड़ों से स्पष्ट है कि जिओ में प्रीमियम सेगमेंट में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है लेकिन एप्पल और स्मार्टफोन सैमसंग के सर्किट को तोड़ना आसान नहीं है।

इन दिनों में कंपनी यहां अपने ब्रांड वैल्यू को लेकर बहुत सतर्क हो गया है, फूल और सैमसंग जैसे ब्रांड अभिमानजनक विज्ञापनों को अपनी छवि के लिए खतरा मानते हैं।

तुलनात्मक विज्ञापनों का उद्देश्य उपयोग करता हूं को सही जानकारी प्रदान करना होता है। मां की प्रतिदिन देखो नीचे दिखाना।

भविष्य की संभावना है और निहित अर्थ:

कानूनी लड़ाई

विपणन रणनीतियों पर प्रभाव

उपभोक्ताओं पर प्रभाव

निष्कर्ष:

सैमसंग और एप्पल द्वारा जिओनी को भेजे गए कानूनी नोटिस में भारत के स्मार्टफोन बाजार में सिर्फ एक विज्ञापन विवाद नहीं बल्कि स्मार्टफोन उद्योग में बढ़ती प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। एप्पल और सैमसंग प्रीमियम ब्रांड इमेज बनाए रखना चाहते हैं वही Xiaomi अपने फायदे और फीचर संबंध प्रोडक्ट्स के जरिए उपभोक्ताओं का विश्वास जीतना चाहता है।

यह मामला है यह बोल मार्केटिंग और कानूनी दायरे तक नहीं रहेगा बल्कि यह भविष्य में कंपनियों के विज्ञापन बनाने और भाभी की रणनीतियों को भी प्रभावित करेगा।